क्या आज अक्षय तृतीया के मौके पर सोना खरीदना होगा फायदे का सौदा? जानें एक्सपर्ट्स की राय

क्या आज अक्षय तृतीया के मौके पर सोना खरीदना होगा फायदे का सौदा? जानें एक्सपर्ट्स की राय
Akshaya Tritiya 2025: आज अक्षय तृतीया है और इस दिन सोने की खरीदारी की परंपरा है क्योंकि यह शुभ माना जाता है. लेकिन अब जब सोने की कीमतें 1 लाख रुपये के आंकड़े को पार कर गई है तब कई लोग इस कंफ्यूजन में फंसे हैं कि क्या इस त्योहारी सीजन में सोने पर निवेश करना समझदारी वाली बात होगी?
बीते एक साल में सोने की कीमत में गजब की तेजी
पिछले एक साल से सोने की कीमतें जबरदस्त तेजी के साथ बढ़ी हैं. इस दौरान सोने ने निफ्टी 50 के 5.7 परसेंट के रिटर्न के मुकाबले करीब 32 परसेंट तक का रिटर्न दिया है. अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या सोने की तेजी में अभी भी गुंजाइश है, या इसमें गिरावट आने वाली है?
बिजनेस टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, टाटा एसेट मैनेजमेंट में हेड-प्रोडक्ट्स शैली गैंग कहती हैं, ”सोना हमेशा से इंवेस्टमेंट के लिए बेहतर माना जाता है. एशिया के तमाम सेंट्रल बैंक डॉलर पर अपनी निर्भरता को कम करने के लिए अपना गोल्ड रिजर्व बढ़ा रहे हैं.”
उन्होंने आगे कहा, ”भू-राजनीतिक तनाव और महंगाई के चलते अनिश्चितता के इस माहौल में सोने की अपील में और मजबूती आई है. शॉर्ट टर्म के लिए इसमें उतार-चढ़ाव आ सकता है, लेकिन लॉन्ग टर्म में यह मजबूत बना रहेगा. ऐसे में अक्षय तृतीया के मौके पर आप सोने पर अपना निवेश शुरू कर सकते हैं. चाहें तो किश्तों में इसकी खरीदारी कर सकते हैं.”
सोना निवेश के लिए सबसे सुरक्षित
मोतीलाल ओसवाल के डायरेक्टर और हेड ऑफ कमोडिटीज किशोर नार्ने कहते हैं, ”सोना निवेश के लिए सबसे सुरक्षित संपत्ति है और अनिश्चितता के समय में निवेशक इससे मदद ले सकते हैं. मौजूदा वैश्विक माहौल को देखते हुए हमारा मानना है कि सोने का ट्रेंड हर ऐंगल से ऊपर ओर है.” हालांकि, क्लाइंट एसोसिएट्स में वेल्थ डायरेक्टर विशाल बजाज ने चेतावनी देते हुए कहा है कि पिछले 22 सालों में जब भी सोने ने 12 महीनों में 40 परसेंट का रिटर्न दिया है, तो उसके बाद के 12 महीनों का रिटर्न औसतन सिर्फ 4 परसेंट ही रहा है.
सेंसेक्स और सोने का यह है रेश्यो
इसके अलावा, 1999 से सेंसेक्स और सोने रेश्यो के एनालिसिस से पता चलता है कि जब रेश्यो 1 से नीचे होता है, तो अगले 3 सालों में इक्विटी बेहतर प्रदर्शन कर सकती है और जब यह रेश्यो 1 से ऊपर होता है, तो सोना अगले 3 सालों में इक्विटी से बेहतर प्रदर्शन कर सकता है. एडलवाइस म्यूचुअल फंड की रिपोर्ट के मुताबिक, इस वक्त रेश्यो 0.86 है, जो लॉन्ग टर्म एवरेज 0.96 से कम है. इसका मतलब यह है कि अगर हम ऐतिहासिक आंकड़ों पर गौर करें तो सोना इक्विटी से थोड़ा ज्यादा वैल्यूऐबल है, इक्विटी में वापसी की संभावना है.
इस तरह से निवेश में है समझदारी
जहां तक इंवेस्टमेंट का सवाल है, तो एक्सपर्ट्स मॉडरेशन की सलाह देते हैं. कैपिटल लीग के राजुल कोठारी कहते हैं, ”हर पोर्टफोलियो का 5-10 परसेंट हिस्सा गोल्ड म्यूचुअल फंड के जरिए सोने पर लगाया जाना चाहिए क्योंकि केंद्रीय बैंकों की सोने की खरीद के चलते कीमतों में यह बढ़ोतरी जारी रहेगी.” एक्सपर्ट्स का मानना है कि अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने की परंपरा है, लेकिन निवेशकों को शॉर्ट टर्म रिस्क को लॉन्ग टर्म संभावनाओं के साथ बैलेंस करना चाहिए. कीमतों के बढ़ने पर फोकस करने के मुकाबले विविधतापूर्ण, क्रमबद्ध दृष्टिकोण अधिक समझदारी भरा होगा.
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