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क्या वाकई में कम हो जाएगी पेट्रोल-डीजल की कीमत? इस रिपोर्ट में किया गया बड़ा दावा

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क्या वाकई में कम हो जाएगी पेट्रोल-डीजल की कीमत? इस रिपोर्ट में किया गया बड़ा दावा

India Oil and LNG Import: दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल आयातक और उपभोक्ता भारत तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) और कच्चे तेल के आयात पर 1.8 लाख करोड़ रुपये तक बचा सकता है. रेटिंग एजेंसी इक्रा के लगाए गए अनुमान में इसका खुलासा हुआ है.

31 मार्च, 2025 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष में, भारत ने कच्चे तेल के आयात पर 242.4 बिलियन डॉलर खर्च किए. भारत 85 परसेंट से अधिक कच्चे तेल की जरूरत को आयात से पूरा करता है. इसके अलावा, LNG के आयात पर 15.2 बिलियन डॉलर खर्च किए क्योंकि भारत में एलएनजी की मांग का लगभग आधा हिस्सा घरेलू उत्पादन से पूरा करता है. 

तेल और LNG के आयात पर इतनी हो सकती है बचत

इस हफ्ते की शुरुआत में अनिश्चित मांग के बीच ग्लोबल सप्लाई को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच तेल की कीमतें चार साल के निचले स्तर 60.23 डॉलर प्रति बैरल पर आ गईं. रेटिंग एजेंसी इक्रा ने अनुमान लगाया है कि वित्त वर्ष 2026 (अप्रैल 2025 से मार्च 2026) के लिए कच्चे तेल की औसत कीमतें 60-70 डॉलर प्रति बैरल के दायरे में रहेंगी.

ऐसे में कच्चे तेल के आयात पर 1.8 लाख करोड़ रुपये और एलएनजी के आयात पर 6,000 करोड़ रुपये की सेविंग्स संभव है. कच्चे तेल की कीमतों में कमी से सेविंग्स तो होगी, लेकिन रिफाइनर को इन्वेंट्री घाटे का भी सामना करना पड़ सकता है. इसके अलावा, उत्पाद शुल्क में और बढ़ोतरी की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता. 

आम आदमी को भी फायदा

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ऊर्जा दरों पर नरमी का यह रुख अगर बरकरार रहे, तो इसका फायदा देश की आम जनता को भी मिल सकता है. आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम हो सकती हैं, इससे आम आदमी की भी बचत होगी. 

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